जैसे तुम को छू लिया है
जैसे तुम को पा लिया है
जैसे तुम को बोल कर
चुप हो गया हूँ
वैसे यूँ ही
शेर कह लेने के बाद
रात भर मैं देखता हूँ
दूर तक वो माहताब
वो घना गहरा गुलाब
नज़्म
शेर कह लेने के बाद
फ़रहत एहसास
नज़्म
फ़रहत एहसास
जैसे तुम को छू लिया है
जैसे तुम को पा लिया है
जैसे तुम को बोल कर
चुप हो गया हूँ
वैसे यूँ ही
शेर कह लेने के बाद
रात भर मैं देखता हूँ
दूर तक वो माहताब
वो घना गहरा गुलाब