जो बातें
ये लोग करते हैं
कोई और
उन्हें बयान नहीं कर सकता
उन के अंदर
एक दुनिया आबाद है
जहाँ होने वाली हर बात
हर वाक़िआ
मुकम्मल जुज़इयात के साथ
वो हमें
तहरीरी तौर पर
पेश कर देते हैं
शाइ'र
अपने अंदर की रियासत के
ग़द्दार होते हैं
वो
एक मुख़्बिर से ज़ियादा
कोई वक़अत नहीं रखते
नज़्म
शाइ'र
मुस्तफ़ा अरबाब