सन्नाटा सा सन्नाटा है
सब को अपनी तन्हाई है
सब के अपने अपने दुख
अंदर का कोई मीत नहीं है
साँझ का कोई गीत नहीं है
सन्नाटा सा सन्नाटा है
ख़ामोशी है
वीरानी है
नागिन रात सी काली चुप है
नज़्म
सन्नाटा
मराहिब क़ासमी
नज़्म
मराहिब क़ासमी
सन्नाटा सा सन्नाटा है
सब को अपनी तन्हाई है
सब के अपने अपने दुख
अंदर का कोई मीत नहीं है
साँझ का कोई गीत नहीं है
सन्नाटा सा सन्नाटा है
ख़ामोशी है
वीरानी है
नागिन रात सी काली चुप है