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संगसार होने वाली लड़की की आख़िरी अल्फ़ाज़ | शाही शायरी
sangsar hone wali laDki ki aaKHiri alfaz

नज़्म

संगसार होने वाली लड़की की आख़िरी अल्फ़ाज़

अाज़म ख़ुर्शीद

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जिस ने मुझ को
लफ़्ज़ों के एक ढेर पे ला के

खड़ा किया था
जिस ने मुझ से प्यार किया था

जिस ने कहा था तो अच्छी है
जिस ने कहा था तू रानी है

जिस ने कहा था मर जाऊँगा
जिस ने कहा था

जिस ने जाने क्या क्या कहा था
पहला पत्थर वो था सहेली