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jinhen main DhunDhta tha aasmanon mein zaminon mein wo nikle mere zulmat-KHana-e-dil ke makinon mein
नज़्म
बक़ा बलूच
उसे कहना यहाँ सब कुछ तुम्हारे बिन अधूरा है गए लम्हों की यादें हैं अज़ाब-ए-ज़िंदगानी है फ़िराक़-ए-ना-गहानी है उसे कहना कि लौट आए