हम
कहाँ के अय्यूब थे?
जो रिज़्क़ की तलाश में निकले
हशरात को
हमारे बदन का पता
दे दिया गया
हमें अपने आप का बोझ
गवारा नहीं
किसी की गुज़र-औक़ात का इंहिसार
हम पे क्यूँ हो?
नज़्म
सब्र-आज़मा
सिदरा सहर इमरान
नज़्म
सिदरा सहर इमरान
हम
कहाँ के अय्यूब थे?
जो रिज़्क़ की तलाश में निकले
हशरात को
हमारे बदन का पता
दे दिया गया
हमें अपने आप का बोझ
गवारा नहीं
किसी की गुज़र-औक़ात का इंहिसार
हम पे क्यूँ हो?