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सातवीं पिसली में पीली चाँदनी | शाही शायरी
satwin pisli mein pili chandni

नज़्म

सातवीं पिसली में पीली चाँदनी

आदिल मंसूरी

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सातवीं पिसली में पीली चाँदनी
और तारों की उदासी का जुमूद

तीन दिन की भूक का अंजाम
काली मुस्कुराहट

नर्म भीनी घास पर
फैली हुई परछाइयाँ

और गुज़रते वक़्त का
एहसास शरमाया हुआ

मकड़ी के जाले के अंदर आज सूरज फँस गया