ये यादें
ये बातें
ये आधी सी मुलाक़ातें
बहुत रूहानियत है इन में
एक मासूमियत है इन में
ये लम्हा-ए-उलफ़त
आया है बा'द मुद्दत
बस दुआ है यही
ये खो ना जाए कहीं
रहे सदा सदा
ये वफ़ा
ये अदा
ये सदा
नज़्म
सानेहा
ख़दीजा ख़ान
नज़्म
ख़दीजा ख़ान
ये यादें
ये बातें
ये आधी सी मुलाक़ातें
बहुत रूहानियत है इन में
एक मासूमियत है इन में
ये लम्हा-ए-उलफ़त
आया है बा'द मुद्दत
बस दुआ है यही
ये खो ना जाए कहीं
रहे सदा सदा
ये वफ़ा
ये अदा
ये सदा