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रिवायत | शाही शायरी
riwayat

नज़्म

रिवायत

अहसन सलीम

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किसान
दरांती से फ़स्ल काटते हैं

और मज़दूर
उन्हें तराज़ू में तोलते हैं

तिजारत और नफ़अ'
उन के हिस्से में आता है

जो ख़्वाब देखते हैं न दीप जलाते हैं