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रेत का शहर | शाही शायरी
ret ka shahr

नज़्म

रेत का शहर

रईस फ़रोग़

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मुझे अपने शहर से प्यार है
न सही अगर मिरे शहर में

कोई कोह-ए-सर-ब-फ़लक नहीं
कहीं बर्फ़-पोश बुलंदियों की झलक नहीं

ये अज़ीम बहर
जो मेरे शहर

के साथ है
मिरी ज़ात है