मुझे अपने शहर से प्यार है
न सही अगर मिरे शहर में
कोई कोह-ए-सर-ब-फ़लक नहीं
कहीं बर्फ़-पोश बुलंदियों की झलक नहीं
ये अज़ीम बहर
जो मेरे शहर
के साथ है
मिरी ज़ात है

नज़्म
रेत का शहर
रईस फ़रोग़
नज़्म
रईस फ़रोग़
मुझे अपने शहर से प्यार है
न सही अगर मिरे शहर में
कोई कोह-ए-सर-ब-फ़लक नहीं
कहीं बर्फ़-पोश बुलंदियों की झलक नहीं
ये अज़ीम बहर
जो मेरे शहर
के साथ है
मिरी ज़ात है