अगर मैं अपनी ख़्वाहिशों को
बे-लिबास कर दूँ
तो वो मुझ से नफ़रत करने लगेंगे
मैं ये जानता हूँ कि
उन के दिल का ज़हर
सियह परछाइयाँ बन कर
उभर आता है
जिसे देखना उन के बस में नहीं
वो अपनी आँखों की रौशनी खो चुके हैं
नज़्म
रौशनी खो चुके हैं
खलील तनवीर