दस्तक दी
तो अंदर से आवाज़ आई
''कौन हो.... किस से मिलना है''
मैं बोला उस लड़की से
जो अभी अभी घर में आई है
उस ने कहा
आ जाओ
अंदर जा कर देखा तो
कमरे में इक सोफ़े पर
एक ज़ईफ़ा बैठी थी
वही लिबास था उस के बदन पर
जो लड़की ने पहना था!!

नज़्म
रौ में है रख़्श-ए-उम्र
मोहम्मद अल्वी