मैं सोचता हूँ कि इस ख़ैर-ओ-शर के बा'द है क्या
फ़ज़ा तमाम नज़र है नज़र के बा'द है क्या
शब इंतिज़ार-ए-सहर है सहर के बा'द है क्या
दुआ बरा-ए-असर है असर के बा'द है क्या
ये रहगुज़र है तो इस रहगुज़र के बा'द है क्या
नज़्म
रहगुज़र के बा'द
महबूब ख़िज़ां
नज़्म
महबूब ख़िज़ां
मैं सोचता हूँ कि इस ख़ैर-ओ-शर के बा'द है क्या
फ़ज़ा तमाम नज़र है नज़र के बा'द है क्या
शब इंतिज़ार-ए-सहर है सहर के बा'द है क्या
दुआ बरा-ए-असर है असर के बा'द है क्या
ये रहगुज़र है तो इस रहगुज़र के बा'द है क्या