EN اردو
क़ुर्बत | शाही शायरी
qurbat

नज़्म

क़ुर्बत

ख़दीजा ख़ान

;

फ़िराक़ के लम्हे
दम तोड़ते

आग़ोश में
यादें

साँस लेतीं
एहसासों में

और मुसलसल
धड़कता रहता है

कोई
सीने में