कल
तुम ने अपने ख़्वाबों
और ख़यालों को
तस्वीरों में क़ैद किया था
आज
तुम्हें उन तस्वीरों ने
क़ैद किया है
नज़्म
क़ैद
खलील तनवीर
नज़्म
खलील तनवीर
कल
तुम ने अपने ख़्वाबों
और ख़यालों को
तस्वीरों में क़ैद किया था
आज
तुम्हें उन तस्वीरों ने
क़ैद किया है