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फूल | शाही शायरी
phul

नज़्म

फूल

ज़ीशान साहिल

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एक फूल सजाऊँगा
तुम्हारे बालों में

अपने हाथ से
खिला रहेगा ये फूल

जब तक रहेगी
धूप तुम्हारी

और सूरज की
हमें उस की ख़ुशबू से क्या

रंग ही बाक़ी रह जाए तो बहुत है
अगर रहा ये फूल

बहुत देर तक
तो कोशिश करूँगा

तुम्हें बुलाने की
वहीं पर

जहाँ तुम्हारे जाने के ब'अद
ये फूल खिला है