सिगरेट का एक लम्बा कश और खाँसी
घूँट घूँट चाय
पिघलते ख़्वाबों के मोम
गदले काग़ज़ पर दुनिया के आमाल का पीला ज़हर
हम कितने अच्छे थे
जब हमारी पीठ के नीचे बिस्तर था
आओ
चलो आईने से पूछें
अभी कितना सफ़र बाक़ी है?
उस को तो
एक ही जवाब है
अपने चेहरों को बर्दाश्त करो
बाहर निकलो
तो मास्क लगाना मत भूलो
नज़्म
पहली किरन का बोझ
मुग़नी तबस्सुम