EN اردو
पहचान | शाही शायरी
pahchan

नज़्म

पहचान

खलील तनवीर

;

मुद्दतों बअ'द उसे देख के हैरान हुए
शक्ल भी याद न थी

नाम तक भूल गए
उस की आवाज़ से लेकिन

उसे पहचान गए