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नींद | शाही शायरी
nind

नज़्म

नींद

मोहम्मद अल्वी

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रात इक घर जल गया!
घर जला तो आग में

घर के सब अफ़राद भी
जल के कोयला हो गए

आग ठंडी पड़ गई तो
देखने वालों ने देखा

घर के इक हिस्से में जो
बच गया था आग से

एक नन्ह-मुन्नी बच्ची
भेंच कर छाती से गुड़िया

सो रही थी बे-ख़बर!