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नज़्म | शाही शायरी
nazm

नज़्म

नज़्म

ज़ीशान साहिल

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सोचते सोचते
दिन गुज़र जाएगा

देखते देखते
रात हो जाएगी

शाएरी अपने कमरे में
सो जाएगी

ज़िंदगी अपने रस्ते पे
खो जाएगी