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नज़्म | शाही शायरी
nazm

नज़्म

नज़्म

ज़ीशान साहिल

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किसी दिन तेज़ बारिश में
अगर हम भीग जाएँ तो

रग ओ पय में मोहब्बत को
समो लेना ज़रूरी है

किसी की याद में आँखें
भिगो लेना ज़रूरी है

बदन मिट्टी की ख़ुश्बू में
डुबो लेना ज़रूरी है

घने रेशम की डोरी में
पिरो लेना ज़रूरी है

अगर ये सारी बातें वक़्त पर
तकमील पा जाएँ

तो फिर बारिश में
उस के साथ

हो लेना ज़रूरी है