रात इक सितारे ने
तुम को देर तक देखा
और समझ नहीं पाया
झील जैसी आँखों में
बे-वजह चमक क्यूँ है
इन सियाह ज़ुल्फ़ों में
इस क़द्र महक क्यूँ है
तुम को देखने के ब'अद
दिल में इक कसक क्यूँ है
नज़्म
नज़्म
ज़ीशान साहिल
नज़्म
ज़ीशान साहिल
रात इक सितारे ने
तुम को देर तक देखा
और समझ नहीं पाया
झील जैसी आँखों में
बे-वजह चमक क्यूँ है
इन सियाह ज़ुल्फ़ों में
इस क़द्र महक क्यूँ है
तुम को देखने के ब'अद
दिल में इक कसक क्यूँ है