EN اردو
नज़्म | शाही शायरी
nazm

नज़्म

नज़्म

अमीताभ बच्चन

;

अस्पताल से बाहर
बाहर

काली काली चट्टानें
साहिल से सर पटकती मौजें

ऊपर काले काले बादल
अस्पताल के अंदर

सुथरी सुथरी
पाक-साफ़ बिस्तर की चादर

तकिया बे-हद नर्म
हमदर्दों के मीठे बोल

और फिर.... सन्नाटा
करवट करवट दर्द के नश्तर!