अस्पताल से बाहर
बाहर
काली काली चट्टानें
साहिल से सर पटकती मौजें
ऊपर काले काले बादल
अस्पताल के अंदर
सुथरी सुथरी
पाक-साफ़ बिस्तर की चादर
तकिया बे-हद नर्म
हमदर्दों के मीठे बोल
और फिर.... सन्नाटा
करवट करवट दर्द के नश्तर!
नज़्म
नज़्म
अमीताभ बच्चन