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नक़्शा बदल चुका है | शाही शायरी
naqsha badal chuka hai

नज़्म

नक़्शा बदल चुका है

सिदरा सहर इमरान

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हादसाती मौत के बअ'द
तमाम चीख़ें

सही सलामत
काग़ज़ पे उतार ली गई हैं

और चेहरे
मस्ख़ कर दिए गए हैं

लाशों के
लोग अपने अपने लहू की

ज़िंदा तस्वीरें
मुर्दा हाथों में लिए

दीवारों को घूरते हैं
और घूरते ही चले जाते हैं