शब तवील थी
पर कट गई
ना-मुराद वक़्त
थोड़ी सी मुरव्वत कर गया
जीने के लिए
चंद हसीन लम्हे
तारीकियों में
मुनव्वर कर गया
नज़्म
मुरव्वत
ख़दीजा ख़ान
नज़्म
ख़दीजा ख़ान
शब तवील थी
पर कट गई
ना-मुराद वक़्त
थोड़ी सी मुरव्वत कर गया
जीने के लिए
चंद हसीन लम्हे
तारीकियों में
मुनव्वर कर गया