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मुकालिमा | शाही शायरी
mukalima

नज़्म

मुकालिमा

सफ़दर सिद्दीक़ रज़ी

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दादू
आप के बाबा कहाँ हैं

मेरे बच्चे
मेरे बाबा तो बहुत मुद्दत हुई

अल्लाह मियाँ के पास हैं
और आप की मामा कहाँ हैं

मेरे बच्चे
वो भी उन के साथ हैं

अल्लाह मियाँ के पास
दादू

आप के बाबा भी
और मामा भी

दोनों मर गए
कैसे मरे थे

क्या उन्हें गोली लगी थी
बम फटा था

या कहीं वो फ़ैक्टरी की आग में
जल कर मिरे थे