अगर तुम मेरी धरती को
अपने घोड़ों की चरा-गाह
अपने कुत्तों की शिकार-गाह बनाना चाहते हो
तो मुझे भी एक कश्ती बनाने की इजाज़त दो
जिस में मैं लाद कर ले जा सकूँ
अपना कुनबा
ख़्वाबों की गठरियाँ
और एक औरत
जो मेरे साथ चलना पसंद करती थी
मुझे निकाल कर ले जाने दो
गलियाँ जिन की
धूल मेरे पैरों ने चाटी
शहर जिन की
ख़ाक मेरी आँखों ने फाँकी
लोग जो तुम से
इजाज़त ले कर पैदा नहीं हुए
लोग जो तुम को
इत्तिलाअ' दिए बग़ैर मर गए
मुझे निकाल कर ले जाने दो
टूटे हुए चूल्हे
बिखरी हुई तख़्तियाँ
बच्चे जिन की
क़मीसों में बटन नहीं होते
मुझे निकाल कर ले जाने दो
मेरी माँ की क़ब्र
जिसे में तुम्हारे घोड़ों
तुम्हारे कुत्तों के लिए नहीं छोड़ सकता

नज़्म
मुझे एक कश्ती बनाने की इजाज़त दो
सय्यद काशिफ़ रज़ा