मुझे एक दिन चाहिए
चाहे छुट्टी का दिन हो
या अपने इरादों के पुल से गुज़रने का
या सेब खाने का दिन हो
मुझे एक दिन चाहिए
चाहे साहिल पे जा कर नहाने का दिन हो
या अपनी पसंदीदा मौसीक़ी सुनने का दिन हो
दरख़्तों में छुप कर किसी से लिपटने का दिन हो
या फिर कोई दिन
मेरी ताक़त में डूबा हुआ
मेरे ग़ुस्से की हद से निकलता हुआ
ऐसा दिन
जो खुले आसमाँ की तरह अपनी बाँहों को खोले
मुझे एक दिन चाहिए
ताकि मैं अपने प्यारों के दिल में
टपकते हुए आँसुओं को
ख़ुशी के समुंदर में तब्दील कर दूँ
मुझे एक दिन चाहिए
नज़्म
मुझे एक दिन चाहिए
असग़र नदीम सय्यद