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मोर्निंग की एक तस्वीर | शाही शायरी
morning ki ek taswir

नज़्म

मोर्निंग की एक तस्वीर

क़मर जमील

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मैं हुस्न-ए-मुत्लक़ की कुर्सी पर
बैठ कर

एक गदागर से
शहर का फ़साना सुन रहा हूँ