चलो जो भी हुआ जानाँ
उसे हम भूल जाते हैं
गिले-शिकवे शिकायत जो भी है
दिल से मिटा कर हम
नया आग़ाज़ करते हैं
मोहब्बत फिर से करते हैं

नज़्म
मोहब्बत फिर से करते हैं
मोहसिन आफ़ताब केलापुरी
नज़्म
मोहसिन आफ़ताब केलापुरी
चलो जो भी हुआ जानाँ
उसे हम भूल जाते हैं
गिले-शिकवे शिकायत जो भी है
दिल से मिटा कर हम
नया आग़ाज़ करते हैं
मोहब्बत फिर से करते हैं