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मोहब्बत के रास्ते में | शाही शायरी
mohabbat ke raste mein

नज़्म

मोहब्बत के रास्ते में

ज़ीशान साहिल

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मोहब्बत के रास्ते में
एक सड़क है

जो मोहब्बत की तरफ़ नहीं जाती
और एक पुल है

जो किसी सड़क या दरिया को
पार करने में इस्ति'माल नहीं होता

मोहब्बत के रास्ते में
एक घर है

जिस में मोहब्बत
कभी नहीं रहती

और एक क़िला
जिस में अंदर दाख़िल हो के

कोई बाहर नहीं निकल सकता
मोहब्बत के रास्ते में

एक दरख़्त है
हम जिस के साए में

धूप से नहीं बच सकते
और एक दीवार है

जिस पर कभी धूप नहीं पड़ती
मोहब्बत के रास्ते में

एक समुंदर है
जिस में कभी रात नहीं होती

और एक जंगल
जिस में फैली हुई रात को

हम पार नहीं कर सकते
मोहब्बत के रास्ते में

हवा और उदासी के रुख़ पर
एक कमरा है

जिस में बैठ के
हम किसी को याद कर सकते हैं

और भुला सकते हैं