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मेरी बच्ची | शाही शायरी
meri bachchi

नज़्म

मेरी बच्ची

हबीब जालिब

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मेरी बच्ची मैं आऊँ न आऊँ
आने वाला ज़माना है तेरा

तेरे नन्हे से दिल को दुखों ने
मैं ने माना कि है आज घेरा

आने वाला ज़माना है तेरा
तेरी आशा की बगिया खिलेगी

चाँद की तुझ को गुड़िया मिलेगी
तेरी आँखों में आँसू न होंगे

ख़त्म होगा सितम का अँधेरा
आने वाला ज़माना है तेरा

दर्द की रात है कोई दम की
टूट जाएगी ज़ंजीर ग़म की

मुस्कुराएगी हर आस तेरी
ले के आएगा ख़ुशियाँ सवेरा

आने वाला ज़माना है तेरा
सच की राहों में जो मर गए हैं

फ़ासले मुख़्तसर कर गए हैं
दुख न झेलेंगे हम मुँह छुपा के

सुख न लूटेगा कोई लुटेरा
आने वाला ज़माना है तेरा