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मेरा लम्स | शाही शायरी
mera lams

नज़्म

मेरा लम्स

मुस्तफ़ा अरबाब

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तुम्हारा एहसास
सफ़ेद रेशम से

बना हुआ है
मैं

उसे छूने से डरता हूँ
मेरा लम्स

उसे मैला न कर दे
एहसास से ज़ियादा उजली लड़की

तुम्हारी उजलाहट ही
तुम्हारा वस्फ़ है

तुम तो ख़ुद भी
अपने आप तक नहीं पहुँच सकीं

मैं तुम से पहले
तुम तक कैसे पहुँचूँ

मेरा मैलापन मुसलसल
तुम्हें घूर रहा है