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मौसम | शाही शायरी
mausam

नज़्म

मौसम

फ़ारूक़ मुज़्तर

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अपनी आँखें बंद कर लें
अपने ज़ेहनों के दरीचे बंद कर लें

होंट सी लें
वर्ना

हम सब
ज़र्द पेड़ों से चिपक पत्तों पत्तों की तरह