EN اردو
मशरिक़ी लड़कियों के नाम एक नज़्म | शाही शायरी
mashriqi laDkiyon ke nam ek nazm

नज़्म

मशरिक़ी लड़कियों के नाम एक नज़्म

हसन अकबर कमाल

;

वही दरिया
जवान रंगीन नाज़ुक मछलियों का

है बिछौना ओढ़ना
ये मछलियाँ भोली

इसी में ज़िंदा रहना चाहती हैं
और बहाओ के मुख़ालिफ़ तैरने की

आरज़ू भी दिल में रखती हैं
मगर दरिया

उन्हें ख़ाशाक की सूरत बहा कर
एक दिन पुर-शोर कफ़-आलूद पुर-हैबत समुंदर के हवाले करने वाला है

यही होता रहा है
तो क्या दरिया यही करता रहेगा