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मन-तू-शुदम | शाही शायरी
man-tu-shudam

नज़्म

मन-तू-शुदम

महमूदा ग़ाज़िया

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जंगल में अगर तुम ने देखा हो, हिरन होते हैं
हिरन की सुनहरी खाल और हिन्दू लड़कियों जैसी गहरी आँखें

अन-देखे शिकारी का फेंका हुआ एक तीर
मरते हुए हिरन की आँखें बातें करती हैं

ये जाने बग़ैर कि शिकारी कौन था
ख़ैर शिकार और शिकारी में कोई फ़र्क़ नहीं

एक तीर चलाता है
दूसरे की आँखें बातें करती हैं