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मैं इक फेरी वाला | शाही शायरी
main ek pheri wala

नज़्म

मैं इक फेरी वाला

राही मासूम रज़ा

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मैं इक फेरी वाला
बेचूँ यादें

सस्ती महँगी सच्ची झूटी उजली मैली रंग-बिरंगी यादें
होंट के आँसू

आँखों की मुस्कान हरी फ़रियादें
मैं इक फेरी वाला

बेचूँ यादें
यादों के रंगीन ग़ुबारे

नीले पीले लाल गुलाबी
रंग-बिरंगे धागों के कंधों पर बैठे खेल रहे हैं

ठेस लगी तो चीख़ उठेंगे
धागे की गर्दन से चिमट कर रह जाएँगे

मैं फिर इन रंगीं धागों में यादों के कुछ नए ग़ुब्बारे बाँध के गलियों बाज़ारों से
कच्चे पक्के दरवाज़ों से

आवाज़ें देता गुज़रूँगा
सस्ती महँगी झूटी सच्ची उजली मैली यादें ले लो

होंट के आँसू
आँखों की मुस्कान हरी फ़रियादें ले लो