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महादेव-जी का ब्याह | शाही शायरी
mahadew-ji ka byah

नज़्म

महादेव-जी का ब्याह

नज़ीर अकबराबादी

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पहले नाँव गणेश का, लीजिए सीस नवाए
जा से कारज सिद्ध हों, सदा महूरत लाए

बोल बचन आनंद के, प्रेम, पीत और चाह
सुन लो यारो, ध्यान धर, महादेव का ब्याह

जोगी जंगम से सुना, वो भी किया बयान
और कथा में जो सुना, उस का भी परमाण

सुनने वाले भी रहें हँसी ख़ुशी दिन रैन
और पढ़ें जो याद कर, उन को भी सुख चैन

और जिस ने इस ब्याह की, महिमा कही बनाए
उस के भी हर हाल में, शिव-जी रहें सुहाए

ख़ुशी रहे दिन रात वो, कभी न हो दिल-गीर
महिमा उस की भी रहे जिस का नाम 'नज़ीर'