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लिसानी लड़की | शाही शायरी
lisani laDki

नज़्म

लिसानी लड़की

मुस्तफ़ा अरबाब

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मुझे
एक लड़की ने

एक क़दीम ज़बान में
तहरीर किया है

बहुत पेचीदा है ये ज़बान
कोई भी

मेरी बात की तशरीह नहीं कर पाता
नई ज़बानें सीखने के जुनून में

वो लड़की भी
औरत की क़दीम ज़बान भूल चुकी है

अब मैं
एक शोर के सिवा

कुछ भी नहीं हूँ