ऐ कूज़ा-गर!
मिरी मिट्टी ले
मेरा पानी ले
मुझे गूँध ज़रा
मुझे चाक चढ़ा
मुझे रंग-बिरंगे बर्तन दे
नज़्म
कूज़ा-गर
फ़रहत एहसास
नज़्म
फ़रहत एहसास
ऐ कूज़ा-गर!
मिरी मिट्टी ले
मेरा पानी ले
मुझे गूँध ज़रा
मुझे चाक चढ़ा
मुझे रंग-बिरंगे बर्तन दे