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कुछ बातें | शाही शायरी
kuchh baaten

नज़्म

कुछ बातें

साहिर लुधियानवी

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देस के अदबार की बातें करें
अजनबी सरकार की बातें करें

अगली दुनिया के फ़साने छोड़ कर
उस जहन्नम-ज़ार की बातें करें

हो चुके औसाफ़ पर्दे के बयाँ
शाहिद-ए-बाज़ार की बातें करें

दहर के हालात की बातें करें
इस मुसलसल रात की बातें करें

मन्न-ओ-सल्वा का ज़माना जा चुका
भूक और आफ़ात की बातें करें

आओ परखें दीन के औहाम को
इल्म-ए-मौजूदात की बातें करें

जाबिर-ओ-मजबूर की बातें करें
उस कुहन दस्तूर की बातें करें

ताज-ए-शाही के क़सीदे हो चुके
फ़ाक़ा-कश जम्हूर की बातें करें

गिरने वाले क़स्र की तौसीफ़ क्या
तेशा-ए-मज़दूर की बातें करें