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ख़ुदा कहाँ है | शाही शायरी
KHuda kahan hai

नज़्म

ख़ुदा कहाँ है

मोहम्मद अल्वी

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न मस्जिदों में न मंदिरों में
ख़ुदा कहाँ है किधर गया है

चलो मिरे साथ मैं बताऊँ
मगर समय अब गुज़र गया है

जलाए हैं हम ने इन घरों में
ख़ुदा भी जल बुझ के मर गया है