घास पर खेलता है इक बच्चा
पास माँ बैठी मुस्कुराती है
मुझ को हैरत है जाने क्यूँ दुनिया
काबा ओ सोमनात जाती है
नज़्म
खेलता बच्चा
निदा फ़ाज़ली
नज़्म
निदा फ़ाज़ली
घास पर खेलता है इक बच्चा
पास माँ बैठी मुस्कुराती है
मुझ को हैरत है जाने क्यूँ दुनिया
काबा ओ सोमनात जाती है