EN اردو
खड्डियों पर बने लोग | शाही शायरी
khaDDiyon par bane log

नज़्म

खड्डियों पर बने लोग

हुसैन आबिद

;

लोग मरते हैं
थ्री-पीस सूट में

तंग होती वर्दी में
टख़ने तक़्सीम करती शलवारों

घुटी तमन्ना
या वस्ल के सय्याल से

चिपकते ज़ेर-जामों में
इंसान उन्हें दिखता है

आख़िरी रूसूमात के दौरान
या जब उसे

वस्ल के ग़ार से धकेला जाता है
खड्डियों पर बने लोग

उम्र भर एक दूसरे को
इंसान की बातें सुनाते हैं