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झोंका | शाही शायरी
jhonka

नज़्म

झोंका

अहमद हमेश

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वो कौन थी कहाँ मिली
मुझे तो कुछ पता नहीं

मगर वो जब चली गई
तो दूर तक ख़याल में

हवा का तेज़ शोर था