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जंग के दिनों में | शाही शायरी
jang ke dinon mein

नज़्म

जंग के दिनों में

ज़ीशान साहिल

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जंग के दिनों में
मोहब्बत आसान हो जाती है

और ज़िंदगी मुश्किल
एक सिगरेट के पैकेट के बदले

सिपाही आप की जान ले सकते हैं
और एक खुशबू-दार साबुन दे कर

आप एक लड़की की मुस्कुराहट
और जिस्म हासिल कर सकते हैं

जंग के दिनों में
लोग धमाके और शोर

पड़ोसी और जासूस में
फ़र्क़ करना भूल जाते हैं

ख़ंदक़ घर में बदल जाती है
और रौशनी ब्लैक-आउट बन जाती है

अख़बार तारीख़ लिखते हैं
और मौत हर जगह अपना नाम

जंग के दिनों में
दिन नहीं निकलता

सारी दुनिया में रात रहती है