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जब सितारा थक गया | शाही शायरी
jab sitara thak gaya

नज़्म

जब सितारा थक गया

तनवीर अंजुम

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जब सितारा थक गया
गर्दिश से रोज़-ओ-शब की

तू बैठ गया घुस कर
फुटबॉल स्टेडियम में

सिनेमा-हॉल में
शादी की तक़रीब में

जनाज़े की नमाज़ में
वो कोशिश कर रहा था

देखने की और समझने की
ताकि हँसाना शुरूअ कर दे

रोने के मक़ाम पर
या उस के बर-अक्स

वो आहिस्ता आहिस्ता सब कुछ जान जाता
और शायद सब ठीक कर देता

मगर फिर बेज़ार हो कर सो गया
मेरी क़िस्मत का सितारा