निज़ाम बदल रहा है
नए सिक्के राइज हो चुके हैं
नए रजिस्टरों पर पुराने हिंदिसे मक्खियों की तरह भिनभिनाने लगे हैं
की-बोर्ड से ज़ंजीर किए गए हाथ
सात आसमानों पर दस्तक देने की मश्क़ कर रहे हैं
नीवइन-साइन से बाहर आती हुई लड़की
ख़ाली जेबों की तरफ़ इशारा कर के मुस्कुराती है
और नौजवानी शेख़ नेक-टाईयाँ लगाए
फाईव-स्टार होटलों के बाहर पड़ी ख़ाली बोतलों में
मुन्नी प्लांट उगाने की तर्बियत ले रहे हैं
गूँगे बहरे वालदैन
मैली रज़ाइयों में पानी की गर्म बोतलों से लिपट कर
आबाई क़ब्रिस्तानों का ख़्वाब देखते हैं
और बच्चे
म्यूज़िक चैनल की धुन पर
''दुनिया एक गाँव है'' का नग़्मा गाते हैं
नज़्म
इन्फ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी
ज़ाहिद मसूद