ये राहें ख़ुद-बख़ुद पूछेंगी तुम से
कहाँ तुम जाओगे जब हम न होंगे
इशारे कौन समझेगा तुम्हारे
किसे समझाओगे जब हम न होंगे
अभी अश्कों में पिन्हाँ है तबस्सुम
ख़ुशी क्या पाओगे जब हम न होंगे
ज़माना तोड़ देगा शीशा-ए-दिल
बहुत घबराओगे जब हम न होंगे
तग़ाफ़ुल की सज़ा तुम को मिलेगी
बहुत पछताओगे जब हम न होंगे
नज़्म
हमारे ब'अद
बाक़र मेहदी