महल से बाहर
बारिश हो रही है
और बादशाह की बहन
नौकरों के साथ
ब्लैक-क्वीन खेल रही है
बादशाह के बच्चे क़ौमी तराना याद कर रहे हैं
मलका प्यानो के पास बैठी
कपड़े की गुड़िया बना रही है
बादशाह अपनी बरसाती ढूँड रहा है
छतरी वज़ीर-ए-आज़म के पास है
चार घोड़ों वाली बग्घी के बग़ैर
बादशाह कनीज़ को फूल पेश करना चाहता है
किसी भी हालत में
हम फूल नहीं तोड़ सकते
जंगी मश्क़ों की वज्ह से
बाग़ मरम्मत के लिए बंद है
नज़्म
हम फूल नहीं तोड़ सकते
ज़ीशान साहिल